www की खोज किसने की? – www क्या है?

World Wide Web, जिसे हम आम तौर पर “www” के नाम से जानते हैं, आज हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन क्या आप जानते है की  www ki khoj kisne ki? इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्ती Tim Berners-Lee हैं। इस आर्टिकल में हम आपको WWW ki khoj के पीछे की कहानी और Tim Berners-Lee के योगदान के बारे में विस्तार से बताएंगे।

www की खोज किसने की?

Www का आविष्कार किसने और कब किया? अगर आप भी यह जानने के लिए उत्सुक है तो इस आर्टिकल को ध्यान से और पूरा पड़े हम आपको इसमें WWW यानी World Wide Web से जुड़ी और भी काफी रोचक और जरूरी जानकारियां देगे जो आपके ज्ञान में वृद्धि करेगी। इस आर्टिकल को पड़ने के बाद आप Www के आविष्कारक कौन है ? के साथ में Www की स्थापना कब हुई ?, वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार कहाँ हुआ था? ऐसे और भी इससे जुड़े सवालों के जवाब जान जायेगे क्योंकि इस आर्टिकल में हम www ki khoj के बारे में विस्तार से और आसन भाषा में जानकारी आपको देगे।

WWW क्या है?

WWW यानी World wide Web यहां सूचनाओं का एक विशाल नेटवर्क है जो कई सारी वेबसाइटों और और वेबपेज से मिलकर बना होता है। यह सभी वेबसाइट www के द्वारा आपस में जुड़ी होती है जिसमें असंख्य हाइपरटेक्स्ट मौजूद होते हैं और यहां सारे डॉक्यूमेंट आपस में हाइपरलिंक के द्वारा जुड़े होते हैं। इसमें टैक्स इमेज ऑडियो और वीडियो सभी तरह की फाइल शामिल है।

अगर हम एक वेबसाइट को एक किताब की तरह माने तो वर्ल्ड वाइड वेब एक लाइब्रेरी है जिसमें कई सारी वेबसाइट उपलब्ध है। www एक इनफॉरमेशन सिस्टम है जिससे पूरी दुनिया में वेबसाइट और ब्लॉग्स के थ्रू सारी इनफार्मेशन आपस में कनेक्ट और शेयर होती है।

World wide Web के तीन मुख्य कंपोनेंट्स URL, HTML, HTTP हैं। व्यू हाइपरटेक्स्ट इनफॉरमेशन सिस्टम है जो की पूरी दुनिया में काम करता है। यहां डायनेमिक और इंटरएक्टिव होता है।

www ki khoj kisne ki

WWW यानी वर्ल्ड वाइड वैब की खोज टीम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) ने 1989 में की थी। Tim Berners-Lee ने 1989 में CERN (European Organization for Nuclear Research) में काम करते हुए एक विचार दिया जो बाद में वर्ल्ड वाइड वैब के जन्म का कारण बना।

उन्होंने WWW की विचारधारा को 1989 में विकसित की और 1990 में पहले वेब ब्राउज़र और सर्वर सॉफ़्टवेयर को विकसित किया, जिससे आज हम इंटरनेट का उपयोग करते हैं। 

इस खोज के परिणामस्वरूप, वे वेब को एक ऐसे प्रणाली के रूप में विकसित करने में सफल रहे, जिसके माध्यम से दुनियाभर में जानकारी साझा की जा सकती है और लोग वेब पेज को ब्राउज़ कर सकते हैं। वेब का यह नया दिमागी और तकनीकी माध्यम ने सभी क्षेत्रों में जानकारी के वितरण को प्रभावित किया और आजकल के डिजिटल युग जन्मा।

www का पूरा नाम क्या है?

www का पूरा नाम “World Wide Web” है, जिसे हिंदी में “विश्व व्यापी वेब” कहा जाता है। यह इंटरनेट पर डॉक्यूमेंट्स, टेक्स्ट, ग्राफिक्स, ऑडियो, वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को एक-दूसरे से जोड़ने और यूजर्स को इस कॉन्टेंट तक पहुँचने में मदद करता है।

www का full form “World Wide Web” हैं।

Tim Berners-Lee कौन है?

सर टिम बर्नर्स-ली (Sir Tim Berners-Lee) एक ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। और ये वेब टेक्नोलोजी के जनक के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने World Wide Web (WWW) की विचारधारा विकसित की और वेब को उनके द्वारा तैयार किए गए पहले वेब ब्राउज़र और सर्वर सॉफ़्टवेयर के माध्यम से व्यक्तिगत प्रयोक्ताओं के लिए पहुँचने का तरीका विकसित किया। इसका मुख्य उद्देश्य था इंटरनेट पर सामग्री को एक-दूसरे से जोड़कर जानकारी को साझा करने में मदद करना।

सर टिम बर्नर्स-ली ने WWW की खोज का काम 1989 में शुरू किया और उन्होंने 1990 में पहले वेब ब्राउज़र “वर्ल्डवाइडवेब” और सर्वर सॉफ़्टवेयर को विकसित किया। उनके योगदान के बाद, वेब ने ग्लोबल इंटरनेट के लिए एक महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण साधना बन गई है, जिससे डिजिटल युग की शुरुआत हुई और विश्व भर में जानकारी को साझा करने की संभावना हुई।

वर्ल्ड वाइड वेब के निर्माण में सारे दुनिया के लोगों के लिए जानकारी को जोड़ने का सपना और योगदान सर टिम बर्नर्स-ली की महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं। वे कंप्यूटर साइंस और इंटरनेट के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजे गए हैं और वेब के स्वतंत्र और साक्षरता को प्रोत्साहित करने के लिए उनके प्रयासों को मान्यता दी गई है।

WWW का इतिहास और विकास

विश्व वाइड वेब (WWW) का इतिहास और विकास इस प्रकार है:

1. विचार का उत्पत्ति (1989): WWW का जन्म सर टिम बर्नर्स-ली के मन में हुआ था। वे एक ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक थे और 1989 में उन्होंने इस विचार को विकसित किया कि कैसे एक डिजिटल सिस्टम के माध्यम से लोग दुनिया भर की जानकारी तक पहुंच सकते हैं।

2. पहला वेब ब्राउज़र और सर्वर (1990): सर टिम बर्नर्स-ली ने 1990 में पहला वेब ब्राउज़र और सर्वर सॉफ़्टवेयर विकसित किया, जिनका नाम “वर्ल्डवाइडवेब” था। इसके माध्यम से लोग वेब पेज्स को देख सकते थे और हाइपरलिंक्स का उपयोग करके अन्य पेज्स पर जानकारी प्राप्त कर सकते थे।

3. WWW का जन्म (1991): WWW का पहला प्रोटोकॉल (HTTP) और पहला वेब सर्वर उन्होंने 1991 में शुरू किया। इससे वेब का आधिकारिक आरंभ हुआ, और पहला वेबसाइट “info.cern.ch” बनाया गया।

4. WWW का विस्तार (1990s-2000s): 1990s में, WWW का विकास बड़ी गति से हुआ, और वेब पेज्स की संख्या तेजी से बढ़ी। इंटरनेट के लिए ब्राउज़िंग के और अधिक उपकथाओं और सेवाओं का विकास हुआ।

5. समाजवाद और व्यापार में प्रभाव: WWW ने सामाजिक जीवन और व्यापार को पूरी तरह से प्रभावित किया, डिजिटल संचार का संविकास किया और लोगों को अपनी जरूरतों के लिए जानकारी की खोज में मदद करता है।

इस प्रकार, WWW का इतिहास और विकास ने डिजिटल युग की शुरुआत की और इंटरनेट को हमारे जीवन का अटूट और महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनाया।

WWW कैसे काम करता है

विश्व वाइड वेब (WWW) कैसे काम करता है, यहां भी आपको जानना चाहिए, इससे आप सिंपल से कुछ स्टेप्स में कुछ इस प्रकार समझ सकते है।

1. URL (Uniform Resource Locator): सबसे पहला स्टेप है जब आप अपने वेब ब्राउज़र में वेबसाइट का URL (जैसे https://www.example.com) टाइप करते हैं या एक लिंक पर क्लिक करते हैं। URL, वेब पेज की एड्रेस बताता है और ब्राउज़र को सर्वर तक पहुँचने के लिए रेडिरेक्ट करता है है।

2. DNS (Domain Name System): आपके द्वारा दिए गए URL को सर्वर का IP पता मिलता है, जिसे DNS कहा जाता है। DNS वेबसाइट के नाम को IP एड्रेस में बदलता है ताकि आपका ब्राउज़र सर्वर तक पहुँच सके।

3. HTTP Request: जब ब्राउज़र सर्वर के IP एड्रेस को प्राप्त करता है, तो यह एक HTTP (Hypertext Transfer Protocol) रिक्वेस्ट भेजता है। इस रिक्वेस्ट में यूजर का कुछ डाटा और वेबसाईट को देखनी की रिक्वेस्ट सामिल होती है जो की मात्र कुछ मिली सेकंड्स में सर्वर तक पहुंच जाती है।

4. Fetching Server Content: सर्वर अपने डेटाबेस से रिक्वेस्ट के आधार पर वेब पेज की कॉन्टेंट को सर्च करता है और उसे ब्राउज़र को भेजता है।

5. Browser Performance: आपके ब्राउज़र ने कॉन्टेंट को प्राप्त किया है, और यह आपकी स्क्रीन पर यूजर को दिखा देता है, जिसे आप पढ़ सकते हैं, इमेज़ देख सकते हैं, वीडियो देख सकते हैं और अन्य चीज़े कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया के माध्यम से, WWW वेब पेज्स की प्राप्ति और प्रदर्शन को संभावना बनाता है, जिससे लोग इंटरनेट का उपयोग करके जानकारी को साझा कर सकते हैं और वेब पेज्स के बीच हाइपरलिंक्स का उपयोग करके एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं।

FAQ

World Wide Web का आविष्कार जेनेवा स्थित सर्न के दफ्तर में हुआ था

www का Full Form “World Wide Web” है

www ki khoj kisne ki – निष्कर्ष

WWW जिसका पूरा नाम वर्ल्ड वाइड वेब है। आज के इस आर्टिकल में हमने वर्ल्ड वाइड वेब की खोज के बारे में विस्तार से चर्चा की और इसके कई पहलू के बारे में हमने जाना। आपको WWW के बारे में हमने कई तरह की जानकारी दी जैसे कि इसका इतिहास विकास और इसकी स्थापना कैसे हुई। तथा इसके अलावा www कैसे काम करता है। इसे भी हमने आपको आसान भाषा में और तरीके से विस्तार से समझाया। हमें उम्मीद है कि यहां आर्टिकल आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा और आप जो जानकारी ढूंढ रहे हैं वह आपको इसमें मिल गई होगी।

अगर इस आर्टिकल से जुड़ा आपका कोई सवाल हो या आप कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें कमेंट कर कर जरूर बताएं। इसके अलावा आप हमारे और भी कहीं आर्टिकल पढ़ सकते हैं आपके जनरल नॉलेज को बढ़ाने के लिए।

मैं Anas, InHindiii का Technical Author & Founder हूँ। मुझे हमेशा से Technology सीखने और सीखने में रुचि रही है। Technology दुनिया से जुड़ी नई नई चीज़े और एक्सपेरिमेंट्स मुझे जानना अच्छा लगता है। और यही ज्ञान में आपको आर्टिकल की मदद से आसन भाषा में उपलब्ध कराता हूं।

Leave a Comment