Bulb Ki Khoj Kisne Ki – बल्ब की खोज किसने की

Bulb Ki Khoj Kisne Ki : हमारे जीवन में प्रकाश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। प्रकाश के बिना तो आज शायद हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर पाए हमारा जीवन अंधकार से भरा हुआ हो जाए। इस अंधकार को हटाने के लिए मानव ने इतिहास में कई प्रयास किए थे बल्ब के आविष्कार से पहले कई परीक्षण किए गए उसके बाद बल्ब अविष्कार हो पाई। क्या आप भी जानना चाहेंगे की आखिर बल्ब की खोज कैसे हुई और बल्ब की खोज किसने की? अगर हां तो आप इस आर्टिकल को पूरा पड़े हम इसके अलावा भी आपको बल्ब की खोज के बारे में बहुत सी जानकारी देगे।

बल्ब की खोज किसने की

Electric bulb ki khoj एक विशेष व्यक्ति ने की थी जिसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे लेकिन बल्ब के आविष्कार से पहले हम काफी चीजों का इस्तेमाल करते थे प्रकाश के लिए जिनका उपयोग करना इतना भी आसान नही हुआ करता था पहले के जमाने में जब बल्ब की खोज नही हुई थी हम रोशनी पाने के लिए मशाल, दिए, आग, लाइटें आदि का उपयोग करते थे जिनसे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती थी, कई बार इससे आग लग जाया करती थी और इनको जलाए रखना भी बहुत बड़ा सरदर्द था। इसे में बल्ब के आविष्कार से मानव ने अपनी काफ़ी बड़ी समस्या को हल कर लिया था। मानव इतिहास में हुए महत्त्वपूर्ण अविष्कारों में से एक आविष्कार Electric bulb का अविष्कार है जिसको करने के लिए कई वैज्ञानिकों को काफ़ी बार असफलता का सामना करना पड़ा पर आखिर में बल्ब का अविष्कार संभव हो पाया। तो चलिए जान ही लेते है बल्ब की खोज किसने की? (Bulb Ki Khoj Kisne Ki) और इसके अलावा भी कई जानकारी।

Bulb Ki Khoj Kisne Ki (बल्ब की खोज किसने की?)

बल्ब की खोज टॉमस एडिसन ने 1879 में की थी। टॉमस एडिसन वहा वैज्ञानिक और अविष्कारक थे जिन्होंने सर्वप्रथम ऐसा इलेक्ट्रिक बल्ब बनाया जो लंबे समय तक चलाया जा सकता था। इससे पहले भी बल्ब को बनाने की कई वैज्ञानिकों द्वारा कोशिश की गई थी परंतु उनके बनाए गए बल्ब में खामियां थी वहा बाजार में बिकने के लिए नहीं थे क्योंकि वहां सिर्फ कुछ समय ही चल पाते थे। टॉमस एडिसन ने अपने काफी प्रयास के बाद इसे बल्ब की खोज की जिसको लंबे समय तक चलाया जा सकता था। और ये बजार में बेचने और लोगो के घरों को रोशन करने के लिए बिल्कुल सही था।

टॉमस एडिसन ने एक लंबे समय तक चलने वाले बल्ब की खोज करने के लिए काफी प्रयास किया ऐसा भी कहा जाता है की टॉमस एडिसन को बल्ब की खोज करने में 1000 बार फेल होना पड़ा था उसके बाद वहां एक बल्ब का अविष्कार कर पाए थे। उन्होने एक फिलामेंट बल्ब की खोज की थी जिसमे फिलामेंट को एक वैक्यूम चेंबर में रखकर उसमे इलेक्ट्रिसिटी दी जाती है और वह गर्म होकर जलने लगता है। 

(Bulb Ki Khoj Kisne Ki)

इसमें उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती हिट को कन्ट्रोल करना था और सही फिलामेंट का चुनाव करना था और अपने बल्ब को काफी ज्यादा देर तक चलाना था बिना ओवर हीटिंग के। अपने लाइट बल्ब के साथ सही तरह के मैचिंग के लिए उन्होंने कई तरह के फिलामेंट पर प्रयोग किए उन्होने Coper, Platinum के अलावा आखिर में मेटल के बने फिलामेंट भी आजमाए कई ऑप्शन अजमाने के बाद आखिर कर बात बन ही गई और टॉमस एडिसन अपनी ओरिजनल चॉइस पर वापस लोट आए और सबके बीच कार्बन फिलामेंट को कमियाबी हासिल हुई। पर इसके पहले की वो अपने अविष्कार को सबके सामने लाए टॉमस एडिसन को अपने अविष्कार को जचकर देखना था की क्या वो देर तक चलता है। 22 अक्टूबर 1879 के दिन टॉमस एडिसन ने पहला सक्सेसफुल टेस्ट किया लाईट बल्ब पर और फिलामेंट 13.5 घंटे तक पूरी तेज़ी और रोशनी से जगमगाया। और इस तरह से लाईट बल्ब का एक शानदार अविष्कार/खोज देखने को मिला।

टॉमस एडिसन कोन थे? – Who Is Thomas Edison

टॉमस एडिसन जिन्हें लाइट बल्ब के खजकर्ता के नाम से भी जाना जाता है इनका जन्म 11 February 1847 में एक छोटे से गाँव मिलान, ओहायो, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। उनके पिता का नाम सैमुएल एडिसन था, जो स्क्रू मशीन के आविष्कारक थे। टॉमस की शिक्षा और शैली में विशेष रूचि थी, उन्होंने अपने बचपन में ही नाप-टोल और आविष्कार के काम में रुचि दिखाई। टॉमस एडिसन एक अमेरिकी इन्वेंटर और बिजनेसमैन थे जिन्होंने बल्ब का अविष्कार किया इसके आलावा उन्होंने एक हजार से भी ज्यादा दूसरे अविष्कारों का भी विकास किया था लाईट बल्ब के अलावा उनके कुछ प्रसिद्ध अविष्कारों में सामिल है Voting Machine, Electrical Battery, Mass communication, sound recorder, telegraph और Movie Camera। 

टॉमस एडिसन अपने बचपन से ही चीजों को लेकर बहुत क्यूरियस रहते थे इनका मानना था की हमे प्रयास करते रहना चाहिए सफलता एक न एक दिन हमे मिल जायेगी यह काफी फेमस इन्वेंटर के रूप में पूरी दुनिया में जाने जाते है। टॉमस एडिसन के योगदान का विशाल महत्व है। उनके आविष्कारों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए दिशानिर्देश स्थापित किए और उन्होंने समाज को सुख-शांति और सुविधा प्रदान की। उनका योगदान आज भी विज्ञानिक समुदाय में महत्वपूर्ण है और उनका नाम आविष्कारकों की श्रेणी में सदैव याद रहेगा।

जन्म11 February 1847
मृत्यु18 October 1931
मृत्यु का कारणमधुमेह (Diabetes)
हस्ताक्षरClick Here To View

Thomas Edison Quotes

Who Is Thomas Edison

“I have not failed. I’ve just found 10,000 ways that won’t work.”

— Thomas Edison

“Genius is one percent inspiration and ninety-nine percent perspiration.”

— Thomas Edison

“Our greatest weakness lies in giving up. The most certain way to succeed is always to try just one more time.”

— Thomas Edison

“There’s a better way to do – Find it”

— Thomas Edison

“Anything that won’t sell, I don’t want to invent. Its sale is proof of utility, and utility is success.”

— Thomas Edison

“A genius is often merely a talented person who has done all of his or her homework.”

— Thomas Edison

“Opportunity is missed by most people because it is dressed in overalls and looks like work.”

— Thomas Edison

Thomas Edison Quotes in Hindi

Who Is Thomas Edison in Hindi

“मैने हार नही मानी. बस मैंने 10,000 तरीके ढूंढे जो काम नही करते।”

— Thomas Edison

“हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मानने में है. सफलता पाने का सबसे निश्चित तरीका हमेशा एक और बार कोशिश करना है”

— Thomas Edison

“आपकी कीमत इसमें है कि आप क्या हैं, इसमें नहीं कि आपके पास क्या है.”

— Thomas Edison

“यदि हम उन सभी चीजों को करते हैं जो हम करने में सक्षम हैं, तो हम सचमुच खुद को चकित कर देंगे।”

— Thomas Edison

“जीनियस में एक प्रतिशत प्रेरणा और 11 प्रतिशत पसीना है।”

— Thomas Edison

बल्ब की खोज कब हुई

बल्ब की वास्तविक खोज 1879 में थॉमस एडिसन ने की थी। उन्होंने एक प्रभावी और स्थायी इंकैंडेसेंट बल्ब का आविष्कार किया, जिसने रौशनी को आसानी से प्रक्षिप्त करने की क्षमता प्रदान की और जिसका प्रभाव बहुत बड़ा है।

बल्ब की खोज खोजकर्ता के सामने एक बड़ा चुनौतियों भरा सफर रहा है थॉमस एडिसन के एक परफेक्ट बल्ब बनाने के पहले भी कई साइंटिस्ट ने इसके लिए काफी प्रयास किया काफी प्रयोग के बाद भी कहीं बार उन्हें असफलता हाथ लगी उन्होंने अपना काफी वक्त बल्ब बनाने के प्रयोग को दिया आखिर में थॉमस एडिसन ने भी काफी प्रयास करने के बाद एक ज्यादा समय तक चलने वाला लाइट बल्ब 1879 में बना ही लिया और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया

बल्ब के आविष्कार का इतिहास

बल्ब के आविष्कार का इतिहास देखने में काफी रोचक है। बल्ब के इससे पहले भी प्रारंभिक रूप थे लेकिन उसमें कोई स्थाई और प्रभावी इतना ना बन सका जितना कि थॉमस एडिसन का बल्ब था।

1860 के दशक में कई वैज्ञानिकों ने अलग-अलग प्रकार के प्रयोग बल्ब बनाने का प्रयास किए लेकिन उनमें से कोई भी सफल नहीं हो पाया तब तक बल्ब को लंबे समय तक जलाने के लिए विभिन्न प्रकार की तेलियों का प्रयोग किया जाता था, जो की बल्ब लंबे समय तक जलाए रखने के लिए एक उचित ऑप्शन नहीं था।

(Bulb Ki Khoj Kisne Ki)

1879 में, थॉमस एडिसन ने एक ऐसे बल्ब की खोज की जिसकी रोशनी इनके तुलना में काफी ज्यादा और स्थाई थी यहां बल्ब काफी लंबे समय तक चल सकता था वह एक ऊंचे समय तक चलने वाले कार्बन फिलामेंट का प्रयोग करके इसे संभव सफल बना पाया। यहां आविष्कार न केवल उनके बाल की पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।

एडिसन के इस आविष्कार के बाद, और भी सुधार हुए और अन्य वैज्ञानिक भी इसमें योगदान देने लगे। इसके परिणामस्वरूप, आजकल के बल्ब हमें अच्छी दीप्ति, दीर्घ समय तक काम करने की क्षमता, और ऊर्जा की बचत के साथ प्रदान करते हैं।

Bulb के प्रकार कितने हैं

अभी तक कई प्रकारों के बल्ब का आविष्कार हो चुका है उसमें कई तरह के बल्ब है जो की अलग-अलग वैज्ञानिकों या आविष्कारक द्वारा खोजे गए हैं जिसकी जानकारी नीचे दी गई है। कि बल्ब कितने प्रकार के होते हैं और उनके आविष्कारों के के नाम सहित।

बल्ब का प्रकारआविष्कारक (Inventor)आविष्कार का वर्ष
Incandescent BulbThomas Edison1879
Fluorescent Tube LightPeter Cooper Hewitt1901
Compact Fluorescent Lamp (CFL)Germer, Meyer, Spanner1973
Halogen LampElmer Fridrich, Emmet Wiley1959
LED BulbNick Holonyak Jr.1962
Sodium Vapor LampArthur H. Compton1932
Mercury Vapor LampPeter Cooper Hewitt1901
Neon LightGeorges Claude1910

बल्ब की खोज से जुड़ी रोचक जानकारी

1879 में, जैसा कि हमने पूर्व ब्लाक में पड़ा कि पहली बार थॉमस अल्वा एडिसन ने सफलतापूर्वक एक बल्ब को तैयार किया। उनके यहां खोज एक महत्वपूर्ण मॉडर्न आविष्कार बना जिससे लोगों के घरों में विद्युत के माध्यम से रोशनी का प्रबंध हो पाया। यह बल्ब कार्बन फाइलामेंट का उपयोग करता था, जो ऊष्मा को उत्पन्न करता था और उसे प्रकाश में परिवर्तित करता था। इससे घरों में बिजली का उपयोग करना संभव हुआ।

बल्ब की खोज के बाद इसमें कई प्रकार के सुधार होते गए और नए प्रकार के फाइलामेंट जैसे कि तंबाकू, तंबा, तांबे आदि का उपयोग किया गया, जो उच्च ताप बनाने में मदद करते हैं धीरे-धीरे बल्ब के प्रकार में विविधता आई और उसमें और भी उसका और ऊर्जा की दिशा में सुधार लाकर एक अधिक समय तक चलने वाला अच्छा बल्ब बनाया गया।

20वीं सदी के आदि में, कंपैक्ट फ्लोरेसेंट लाइट्स (CFLs) और लीड बल्ब्स जैसे नए प्रकार के बल्ब विकसित हुए, जो उच्च ऊर्जा कुशलता और दीपकों की अवधि में वृद्धि के साथ साथ पर्यावरणीय दिशा में भी बेहतर थे।

आजकल, LED (Light Emitting Diodes) बल्ब्स प्रमुखत: उच्च कुशलता, लंबी उम्र, और कम ऊर्जा खपत की वजह से लोगों की पसंद बन गए हैं। ये बल्ब्स सेमीकंडक्टर डायोड का उपयोग करते हैं जिसके कारण यहां कम ऊर्जा में चलते हैं और यहां बहुत टिकाऊ भी होते हैं और उनकी साइज को छोटा बड़ा बनाया जा सकता है।

बल्ब के इस समय के साथ बदलाव में काफी चेंज आए जिससे यहां काफी सैफ और कम बिजली की खपत पर चलने वाला बना साथ ही पर्यावरण को भी कम हानि पहुंचाने वाला बना पिछले बल्बों के मुकाबले यहां एक बेहतर बल्ब बांटा गया।

वीडियो के माध्यम से जाने बल्ब और थॉमसन एडिसन की स्टोरी

Bulb से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल जवाब

बल्ब की खोज 1879 में थॉमस अल्बा एडिसन ने की थी।

भारत में बल्ब का आविष्कार 1880 में हुआ था, जब सिरोजिनी नायडू ने पहली बार बल्ब जलाई थी।

बल्ब का आविष्कार अमेरिका में हुआ था।

टॉमस एडिसन ने बल्ब की खोज के लिए अनेक प्रकार के तार की परीक्षा की और फिलामेंट नामक एक विशेष प्रकार के तार का उपयोग किया, जिससे बल्ब काम कर सके।

बल्ब का दूसरा नाम “इलेक्ट्रिक बल्ब” है।

थॉमस एडिसन को बल्ब बनाते समय 10 हजार से भी ज्यादा बार विफल होना पड़ा तब जाकर वह बल्ब बना पाए।

बिजली के बल्ब में “आर्गन” गैस होती है, जो बल्ब के अंदर होते हुए फिलामेंट को ऑक्सीजन के अभाव में जलाने में मदद करती है।

बल्ब के अंदर के तार को तंतु या फिलामेंट कहते है ?

Bulb Ki Khoj Kisne Ki -निष्कर्ष 

Bulb Ki Khoj Kisne Ki इस आर्टिकल से अपने बल्ब की खोज के बारे में बहुत ही रोचक जानकारियां प्राप्त की। आपने इसमें थॉमस अल्बा एडिसन के बारे में जाना इसे आपको बहुत सी सीख मिली होगी क्योंकि यहां अपने समय के बहुत ही महान आविष्कारक उद्यमी थे जिन्होंने कई असफल प्रयासों के बाद बल्ब का आविष्कार किया और उसे मार्केट में सभी के लिए उपलब्ध कराया इन्होंने बल्ब के अलावा भी कई सारे आविष्कार किए हैं जो कि हमने आपको इस आर्टिकल में बात ही दिए थे। इनके सबसे प्रसिद्ध आविष्कार में से एक बल्ब की खोज थी जो कि मानव इतिहास में उनके नाम के साथ दर्ज हो चुकी है बल्ब की खोज मानवता के लिए एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि थी। आज के समय में हम अंधेरे में रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते बल्ब की खोज ने हमारी काफी सारी परेशानियों को दूर किया है और हमारे जीवन को आसान बनाया है।

हमें उम्मीद है कि हमें उम्मीद है कि हमने जो जानकारी आपको बल्ब की खोज के बारे में “Bulb Ki Khoj Kisne Ki” आर्टिकल में दी है उसमें आपको जरूरी जानकारी जो आप ढूंढ रहे हैं वह मिल गई होगी इसके अलावा और भी कई चीजे जानने को मिली होगी। आप हमारे अन्य ब्लॉग भी पढ़ सकते हैं और बने रहिए हमारी वेबसाइट के साथ ऐसी ही जानकारियों के लिए।

मैं Anas, InHindiii का Technical Author & Founder हूँ। मुझे हमेशा से Technology सीखने और सीखने में रुचि रही है। Technology दुनिया से जुड़ी नई नई चीज़े और एक्सपेरिमेंट्स मुझे जानना अच्छा लगता है। और यही ज्ञान में आपको आर्टिकल की मदद से आसन भाषा में उपलब्ध कराता हूं।

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