हम अपको इस ब्लॉग पोस्ट में ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में सभी जानकारी देगे हम बताएंगे की Oprating system kya hai our eske prakar हम आपको ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास उपयोग वा कार्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देगे हम आपको ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है लिखिए? इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम का उदाहरण कौन सा है? और कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम कौन कौन से हैं?
ऑपरेटिंग सिस्टम किसी कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है ऑपरेटिंग सिस्टम कई प्रकार के हो सकते हैं हर एक ऐसी मशीन जिसमें कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है उसमें ऑपरेटिंग सिस्टम हो सकता है कुछ प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे विंडोज और एंड्रॉयड आईओएस का नाम तो आपने सुना ही होगा इन्हें ही ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है ऐसी कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम अलग-अलग डिवाइस के लिए बनाए जाते हैं और यहां सारे सिस्टम को एकजुट रखकर सारे सिस्टम से कार्य कराने का काम करता है
इन सभी सभी चीजों के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम।से रिलेटेड सभी जानकारी हम आपको इस आर्टिकल में देगे तो इसको पूरा पढ़िए अगर आप चाहे तो इससे एग्जाम के लिए भी लिख सकते है।
Table Of Contents
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
ऑपरेटिंग सिस्टम किसी कम्प्यूटर के सिस्टम सॉफ्टवेयर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। यह प्रोग्राम वास्तव में कम्प्यूटर और उसका उपयोग करने वाले व्यक्ति के बीच की कड़ी होता है। ऑपरेटिंग सिस्टम की सहायता के बिना हमारे लिये कम्प्यूटर से कोई भी काम करा पाना असम्भव तो नहीं है, लेकिन थोड़ा कठिन जरूर हो जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम से कई ऐसे कार्य आसानी से हो जाते हैं जो कि बहुत मेहनत के होते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम से निम्न प्रमुख कार्य किये जा सकते हैं
(i) उपयोगकर्ता (User) के आदेशों को कम्प्यूटर तक पहुँचाना और उनके परिणाम तथा कम्प्यूटर द्वारा दिये गये संदेशों को उपयोगकर्ता तक पहुँचाना।
(ii) उपयोगकर्ता द्वारा बताये गये प्रोग्रामों को शुरू करना, चलाना तथा खत्म करना।
(iii) हार्डवेयर के सभी भागों (अर्थात् साधनों) को जरूरत पड़ते ही प्रोग्राम के लिये दिलवाना।
(iv) उपयोगकर्ता की फाइलों आदि का हिसाब रखना और उनकी पूरी सुरक्षा रखना। इससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य कितना है। यदि ये सभी कार्य उपयोगकर्ता को स्वयं करने पड़ जायें तो वह कम्प्यूटर बन्द कर देगा, क्योंकि उसका इतना सारा समय तो इन्हीं कार्यों में लग जायेगा और वह अपना असली काम कभी नहीं करा सकेगा वास्तव में हमारा सीधा सम्पर्क कम्प्यूटर के बजाय ऑपरेटिंग सिस्टम से होता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम कई प्रकार के होते हैं, मल्टी प्रोग्रामिंग (Multi programming), ऑपरेटिंग सिस्टम एक साथ कई प्रोग्रामों को चला सकते हैं। टाइम शेयरिंग (Time sharing) ऑपरेटिंग सिस्टम एक साथ उपयोगकर्ताओं (Users) का काम करा सकते हैं। ये ऑपरेटिंग सिस्टम मुख्य तथा मिनी कम्प्यूटरों पर पाये जाते हैं, पीसी आदि छोटे कम्प्यूटरों पर एक बार में एक ही आदमी काम कर सकता है और उसका एक समय में एक ही प्रोग्राम चलता है। इसलिये इनके ऑपरेटिंग सिस्टम छोटे व सरल होते हैं।
अगर हम ऑपरेटिंग सिस्टम को विस्तार से समझे तो –
ऑपरेटिंग सिस्टम का शॉर्ट फॉर्म OS होता है
ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर सॉफ्टवेयर का वहां समूह होता है जो कि कंप्यूटर के सभी कार्य वा ऑपरेशन को नियंत्रण करता है ऑपरेटिंग सिस्टम भी एक प्रोग्राम ही होता है जोकि कंप्यूटर चलाने वाले को हार्डवेयर से जोड़े रखता है ऑपरेटिंग सिस्टम के इंस्ट्रक्शन होते हैं ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर को कंप्यूटर चलाने में मदद करता है था कंप्यूटर को आसान बनाता है ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर का प्रयोग करता है
एप्लीकेशन programm के अनुसार हम computer को नीचे लिखे हुए चार भागों में बाँट सकते हैं –
(1) हार्डवेयर
(2) ऑपरेटिंग सिस्टम
(3) एप्लीकेशन प्रोग्राम
(4) उपयोग करने वाला। (चित्र के अनुसार user 1,2,3)
उपर दिए गए इमेज के अनुसार कम्प्यूटर हार्डवेअर को उपयोग करने के लिये ऑपरेटिंग सिस्टम एक माध्यम का काम करता है जो की यूजर को कंप्यूटर हार्डवेयर का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है
ऑपरेटिंग सिस्टम के मुख्य उद्देश्य
(1) सुविधा (Facility)– Computer वैसे तो एक कॉम्प्लेक्स मशीन है परंतु इससे आसान बनने का मुख्य कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम ही करता है ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर से कम्युनिकेशन को सुविधाजनक वा आसान बना देता है
(2) क्षमता- ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के हार्डवेयर को एक साथ कार्य करने की अनुमति देता है और सभी रिसोर्सेज को मिलाकर कंप्यूटर की क्षमता में वृद्धि करता है ।
(3) सुरक्षा- ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर नियंत्रण और उसकी सुरक्षा का ध्यान रखते है कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम सुरक्षा की नजरिए से ही बनाए जाते है
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
(1) प्रोग्राम बनाना – Oprating system बहुत सारी सुविधाएं एवं सेवाए उपलब्ध कराता है जिससे प्रोग्रामर को प्रोग्राम बनने में सुविधा होती है
(2) प्रोग्राम को चलाना – कंप्यूटर के इनपुट आउटपुट डिवाइसेस को जोड़ने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम करता है जिससे वहा किसी भी प्रोग्राम को चलाने में मदद करता है और सॉफ्टवेयर हार्डवेयर के बीच संबंध स्थापित करता है।
(3) इनपुट और आउटपुट डिवाइसेस का उपयोग करना- कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर का मैनेजमेंट ऑपरेटिंग सिस्टम के अंडर ही होता है जो की बेहतर कम्युनिकेशन स्थापित कर इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस के साथ डाटा अदान प्रदान करने की प्रोसेस को यूजर के लिए आसान बनाता है।
(4) उपयोगकर्ता के लिए आसान इंटरफेस उपलब्ध कराना – ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य कार्य यही होता है की वो यूजर को आसानी से सभी चीज समझने में कारगर हो ऑपरेटिंग सिस्टम के आसन इंटरफेस की ही वजह से सभी लोग या कम पड़े लिखे या कंप्यूटर की कम नॉलेज रखने वाले लोग भी इससे आसानी से चलाना सीख सकते है।
ऑपरेटिंग सिस्टम का कम्प्यूटर में उपयोग
(1) सुरक्षा प्रदान करना- Oprating system डिवाइस के डाटा को अज्ञात यूजर से बचाता है इसके लिए अलग अलग ऑपरेटिंग सिस्टम में कई सारे फीचर्स होते है जैसा की लॉक लगाना जिससे बिना पासवर्ड डाले कोई अज्ञात यूजर आपके सिस्टम को एक्सेस नही कर सकता ऑपरेटिंग सिस्टम डाटा को इंक्रेप्टेड भी रखते है आपके id password को सुरक्षित करने के लिए थर्ड पार्टी एक्सेस को भी रोकते है
(2) खराबियों को ढूँढना- ओपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में खराबियों और त्रुटियों को ढूंढ कर हमे इससे अवगत कराता है जैसे इंटरनेट नही चलने पर ऑपरेटिंग सिस्टम में error का पता चल जाता है किसी इनपुट डिवाइस के डिस्कनेक्ट होने पर संदेश मिल जाता है
ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास एवं विकास
पहला ऑपरेटिंग सिस्टम 1950 ई. के लगभग IBM-700 कम्प्यूटर्स के लिये बनाया गया था। जो की बहुत ही साधारण एवं सरल था आज के ऑपरेटिंग सिस्टम के सामने तो वहा कुछ भी नही था। ऑपरेटिंग सिस्टम को बनने का मुख्य उद्देश्य था की कंप्यूटर एक समय पर अन्य कार्य भी कर सके। ऑपरेटिंग सिस्टम समय के साथ और भी बहतर होते गए और आज के समय में बहुत ही जायदा सक्षम एवं समृद्ध हो चुके है जो की सुरक्षा के साथ साथ एक भारत यूजर एक्सपीरियंस पर भी ध्यान देते है
कंप्यूटर के प्रारंभिक दौर में कंप्यूटर से एक समय में।एक ही कार्य कराया जा सकता था इस समस्या के निदान के लिए ही ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ
ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास के बाद पहला प्रयास यही रहा की CPU तथा I/O Devices के बीच संबंध को अच्छे से स्थापित कर जा सके जिससे की कंप्यूटर की क्षमता एवं स्पीड को बढ़ाया जा सके धीरे धीरे ऑपरेटिंग सिस्टम में कई सारे विकास हुए कई सारे ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किए गए और आज के युग में हमारे पास बेहतर से बेहतर ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध है।
प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम
(2) MS-DOS- MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास के शुरती दिनों में लंच हुआ था यह बहुत ही प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम है यह 16Bit तथा 32Bit की मशीन के साथ प्रयोग में लाया जा सकता है यह अगस्त 1981 में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा विकसित किया गया था यह IBM कंप्यूटर के लिए डाइजिंग किया गया था इसके कई वर्जन बाजार में आज जिसमे से आज 6.22 उपलब्ध है।
(2) Windows OS – windows एक बहुत ही लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है आजकल के भी अधिकतर कंप्यूटर में आपको यही ऑपरेटिंग सिस्टम नजर आयेगा ये माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा बनाया गया था इसका अभी तक का सबसे लेटेस्ट वर्जन Windows 11 हैं
(3) Android Os – android opreting system बहुत चलने वाला वा फेमस ऑपरेटिंग सिस्टम है यह यह गूगल कंपनी का है मार्केट में इसका अभी तक का सबसे लेटेस्ट वर्जन Android 13 है यह ऑपरेटिंग सिस्टम मोबाइल फोन के लिए डाइजिंग किया गया है
(4) IOS – इसे सबसे सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम माना जाता है ये एप्पल कंपनी द्वारा बनाया गया था तथा यह एप्पल के स्मार्टफोन में मिलता है ये बहुत ही user-friendly तथा स्मूथ ऑपरेटिंग सिस्टम है
निष्कर्ष
हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक इसके लाभ हानियां वह कैसे काम करता है और कितने प्रकार का होता है ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे बनाया जाता है इन सभी के बारे में हमने आपको इस ब्लॉग में बताया है फिर भी अगर कोई टॉपिक इसमें रह गया है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बदल सकते हैं हम इसमें वहां भी ऐड कर देंगे अगर आपको टेक्नोलॉजी की फील्ड में इंटरेस्ट है तो आपको इन सभी ब्लॉक को ध्यान से पढ़ना चाहिए वह यहां आपके क्वेश्चन का आंसर भी बन सकते हैं हमारे और भी ब्लॉग पढ़िए ताकि आपको और भी जानकारी मिले आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद आशा है आपको जानकारी अच्छी लगी होगी आपका कोई सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं