NavIC का Full forum “Navigation with Indian Constellation” है। इसे इंडिया का GPS (Global Positioning System) कहा जा सकता है। नेविगेशन विथ इंडियन कॉन्स्टेलशन (NavIC) एक Indian Regional Navigation Satellite System (IRNSS) यानी भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। जिसे Indian Space Research Organisation (ISRO) द्वारा विकसित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के मछुआरों को समर्पित करते हुए इसका नाम नाविक रखा।
नेविगेशन विथ इंडियन कॉन्स्टेलशन (NavIC)
में अभी तक कुल 7 सैटेलाइट है जिसे इसरो द्वारा भेजा गया है और भी सैटेलाइट भेजने की तयारी जारी है इसमें लगभग 11 सैटेलाइट भेजी जा सकती है। NavIC (नाविक) का मुख्य उद्देश्य है देश तथा इसकी सीमाओं के 1500KM तक उपयोगकर्ता को सटीक लोकेशन बताना वा नेविगेशन मदद करना और देश की सुरक्षा एजंसियों की वहा भी मदद करना जहा Gps काम न करता हो। नाविक 20मीटर तक की accuracy दे सकता है।
- नाविक को बनने में कितनी लागत लगी?
- NavIC कब लॉन्च किया गया था?
- NavIC बनाने का उद्देश्य
- क्या NavIC सभी के उपयोग के लिए है?
- किस मोबाइल फोन में NavIC का सपोर्ट है ?
- NavIC के क्या फायदे है
- स्वदेशी तकनीक के फायदे
- GPS क्या है?
- जीपीएस तथा नाविक मै से कौन है बेहतर?
- किन देशों के पास अपनी स्वदेशी नेविगेशन तकनीक है?
- NavIC अन्य नेविगेशन सिस्टम से अलग कैसे हैं?
- निष्कर्ष
Table Of Contents
- 1 नाविक को बनने में कितनी लागत लगी?
- 2 NavIC कब लॉन्च किया गया था?
- 3 NavIC बनाने का उद्देश्य
- 4 क्या NavIC सभी के उपयोग के लिए है?
- 5 किस मोबाइल फोन में NavIC का सपोर्ट है ?
- 6 NavIC के क्या फायदे है
- 7 स्वदेशी तकनीक के फायदे
- 8 GPS क्या है?
- 9 जीपीएस तथा नाविक मै से कौन है बेहतर?
- 10 किन देशों के पास अपनी स्वदेशी नेविगेशन तकनीक है?
- 11 NavIC अन्य नेविगेशन सिस्टम से अलग कैसे हैं?
- 12 निष्कर्ष
नाविक को बनने में कितनी लागत लगी?
NavIC इंडिया का ही नेविगेशन सिस्टम है जिसमे 7 सैटेलाइट अभी तक लंच की गई है और भी इसमें सैटेलाइट जोड़ी जा सकती है इसकी अभी तक की लगभग परियोजना लागत ₹16 अरब (US$233.6 मिलियन) का अनुमान लगाया जा रहा है और अभी भी इस को बेहतर बनाने के लिए काफी काम बाकी है और बहुत सारा काम इसको और भी अच्छा बनाने के लिए चल रहा है
Navigation with Indian Constellation (NavIC) को 2012–13 में बनाया गया था इसकी फर्स्ट सैटेलाइट को 1 July 2013 को Indian Space Research Organisation (ISRO) द्वारा PSLV-XL C22 रॉकेट से लंच किया गया था। इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा 2006 में अनुमति मिल गई थी। NavIC की अखरी सैटेलाइट को 12 April 2018 को ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया था।
और भी अधिक जानकारी के लिए आप यह देख सकते है https://www.isro.gov.in/spacecraft/list-of-navigation-satellites
NavIC बनने का मुख्य उद्देश्य GPS (Global Positioning System) से निर्भरता कम करना है। GPS अमेरिकी सरकार के अंतर्गत आता है ऐसे में वहा जब चाहे जीपीएस नेविगेशन सिस्टम पर अपना कंट्रोल कर सकते है ऐसा ही एक बार भारत के साथ हो चुका है कारगिल युद्ध के समय सेना की मदद के लिए भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार से जीपीएस की मदद लेनी चाही परंतु अमेरिकी सरकार ने मदद करने से साफ इंकार कर दिया। हालाकि भारत us युद्ध में तो जीत गया परंतु जीपीएस नेविगेशन सिस्टम से अपनी निर्भरता खतम करना चाहता था ताकि भविष्य में किसी भी इस्थिती में नेविगेशन सिस्टम का उपयोग कर सके।
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जी हां नाविक सार्वजनिक रूप से अवेलबल है नाविक को दो भाग है एक तो सभी के लिए अवेलबल है और एक सुरक्षा एजेन्सी के लिए जो हाइट क्वल्टी वा इंक्रेप्टेड है धीरे-धीरे इसकी विकास के साथ-साथ यहां सभी के लिए आसानी से उपलब्ध होगा तथा सभी मोबाइल फोन में नाविक का सपोर्ट होगा जिससे कि नेविगेशन में बहुत ज्यादा आसानी हो जाएगी और यहां नेविगेशन सिस्टम बहुत ही अच्छी तरह से काम करता है यहां इसके ट्रायल में देखा गया है तो यहां जल्द ही सबके लिए उपलब्ध हो जाएगा जिसका हो सके तो हम गूगल मैप्स पर भी यूज कर सकेंगे अभी फिलहाल में इसका सपोर्ट केवल कुछ ही डिवाइस के लिए है
NavIC supported phone
अभी फिलहाल में Qualcomm Snapdragon 720G, 662 और 460 ये मोबाइल चिपसेट isro के NavIC को सपोर्ट करते है यानी ये प्रोसेसर जिस मोबाइल में होगे उस मोबाइल में NavIC का सपोर्ट होगा। कुछ मोबाइल फोन यह है जिसमे नाविक का सपोर्ट है –
1. Realme X50 Pro
2. iQOO 3
3. Realme 6 Series
4. Redmi Note 9 Series
5. Xiaomi Redmi K30 Pro 5G
6. Honor 30 Pro
7. Honor 30 Pro+
8. Huawei P40
9. Huawei P40 Pro
10. Realme X50 Pro 5G
11. Redmi Note 9 Pro
12. Redmi Note 9 Pro Max
कैसे चेक करे क्या आपके Smartphone में NavIC का सपोर्ट है
अपने स्मार्टफोन में GNSSTest ऐप को प्ले स्टोर या app Store से डाऊनलोड करे
इस app को खोले वा “स्टार्ट टेस्ट” पर क्लिक करे
यह ऐप आपको सभी उपलब्ध नेविगेशन सेटेलाइट दिखा देगा
अगर इसमें आपको कोई भी इंडिया सेटेलाइट दिखाई देती है तो आपके मोबाइल में NavIC का सपोर्ट है।
Navigation with Indian Constellation (NavIC) के पास 7 सेटेलाइट उपलब्ध है जो की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी पर कार्य करती है वा जीपीएस नेविगेशन सिस्टम के मुकाबले अधिक accuracy प्रदान करती हैं जिससे कई सारे फायदे होते है जिसे की
- बेहतर मैपिंग और जियोडेटिक डेटा कैप्चर
- व्यवसायों के लिए ट्रैकिंग वाहन और बड़े प्रबंधन
- आपदा प्रबंधन
- हवाई और समुद्री नेविगेशन
- पर्वतारोही और यात्रियों के लिए स्थलीय नेविगेशन सहायता
- ड्राइवरों के लिए विजुअल और voice नेविगेशन
- छोटे शहरों और गांवों में भारत नेविगेशन
अनिवार्य रूप से, नाविक भारतीय परिवेश में नेविगेट करने के मामले में जीपीएस की कमी वाली हर चीज में सुधार करेगा, क्योंकि यह भारतीय उपग्रहों को स्थान को ट्रैक करने और मानचित्रण उद्देश्य के लिए सक्षम करेगा। प्राथमिक सेवा क्षेत्र में नाविक की स्थिति सटीकता 20 मीटर से बेहतर है।
स्वदेशी तकनीक के फायदे
Navik एक भारत का अपना स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम है जिसके कारण हमारी GPS (Global Positioning System) पर से निर्भरता कम होगी वा हमे नेविगेशन के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा वा हमारा डाटा सुरक्षित बना रहेगा वा भारत की सुरक्षा एजेंसी इसका भरपूर उपयोग हमारी सुरक्षा बनाए करने के लिए कर पाएगी।
स्वदेशी तकनीकी यूं तो कई सारे फायदे होते हैं इससे भारत के आत्मनिर्भरता और भी बढ़ेगी तथा वैश्विक स्तर पर भारत यहां टेक्नोलॉजी विकसित करने वाले देशों में शामिल हो गया है जिसके पास अपना जीपीएस सिस्टम यानी नाविक है हम इसे किसी भी स्थिति में इस्तेमाल में ला सकते हैं क्योंकि यह हमारा ही स्वदेशी तकनीकी है जो कि भारत देश ने विकसित किया है और यहां भारत के अंदर ही है जहां सीमा पर ध्यान रखने के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है जो कि हम किसी और देश की मदद के बिना कर सकते हैं
GPS क्या है?
हमे इस आर्टिकल में Gps शब्द का इस्तेमाल कई बार किया है तो आपको ये जानना चाहिए की GPS आखिर है किया अगर आपको जीपीएस के बारे में कुछ नही पता है तो बता दे की GPS का फुल फॉर्म ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम है। इसके अंतर्गत टोटल 77 उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करते है जो की नोहक प्रणाली के लिए कार्य करते है वर्तमान समय में सबसे जायदा उपयोग एक जाने वाली नेविगेशन सिस्टम जीपीएस ही है जिसे अपने भी कभी न कभी गूगल मैप्स में उपयोग किया होगा जीपीएस सयुक्त राष्ट्र अमेरिका में सर्वप्रथम उपयोग में लाया गया था। यह २७ अप्रैल, १९९५ से कार्य कर रहा है।
जीपीएस तथा नाविक मै से कौन है बेहतर?
(GPS Vs NavIC in Hindi)
GPS यानी Global Positioning System इसे अमेरिका द्वारा 1978 में बनाया गया था यह एक विश्वव्यापी नेविगेशन प्रणाली है जो दुनिया भर में फैली हुई है जिसमे 32 उपग्रह है और NavIC एक क्षेत्रीय नेविगेशन प्रदली है जो भारत के आस पास 1500km तक फैली हुई है। यह केवल भारत तथा इसके आस पास के क्षेत्रों को कवर करती है। जबकि भारतीय नाविक को कुछ स्थानों पर भारत माना गया है क्योकि यह S और L बैंड की दोहरी आवृत्ति पर काम करता है जबकि GPS केवल L बैंड पर ही निर्भर है इसीलिए नाविक की जीपीएस के मुकाबले एक्युरेसी भी अच्छी है वो यह इंडिया का अपना नेविगेशन सिस्टम है इसलिए इंडिया के लिए तो इसके काफी सारे फायदे है जीपीएस के मुकाबले यह अच्छी क्वॉल्टी प्रदान कर सकता है
किन देशों के पास अपनी स्वदेशी नेविगेशन तकनीक है?
वर्तमान में केवल 4 ही देशों के पास अपनी स्वदेशी नेविगेशन तकनीक है उसमे से एक भारत भी है हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) ने भारत के इसरो द्वारा निर्मित NavIC को अंतराष्ट्री मानकों पर खरा पाते हुए RPS के रूप में मान्यता प्रदान की है
देश और उनके स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम के नाम
- अमेरिका : GPS
- रूस : GLONASS
- चीन : BEIDOU
- यूरोपियन यूनियन : GALILEO
- भारत : NavIC
NavIC और अन्य नेवीगेशन सिस्टम में सबसे बड़ा अंतर का कवरेज किया गया एरिया है जहां अन्य नेविगेशन सिस्टम जैसे कि जीपीएस पूरी पृथ्वी को कवर करते हैं और उसकी सैटेलाइट इमेज अपने पास रखते हैं वैसे ही अभी फिलहाल में Navic सिर्फ भारत और उसके आसपास के एरिया को ठीक कवर करने की क्षमता रखता है जीपीएस के अलावा और भी नेविगेशन सिस्टम हे जोकि पूरे पृथ्वी को कवर करते हैं जैसा कि
यूरोपीय संघ का गैलीलियो, रूस का ग्लोनास और चीन की बाइडो, नाभिक भी ग्लोबल स्तर पर अपने पैर जमाने की कोशिश में आगे बढ़ रहा है जो कि एक समय पर पूरी पृथ्वी को कवर करेगा
निष्कर्ष
इस ब्लॉग में हमने आपको NavIC के बारे में जानकारी दी जैसे की NavIC क्या है? NavIC टेक्नोलोजी कैसे काम करती है यहां भारतीय भविष्य के लिए किस प्रकार से एक बेहतर टेक्नोलॉजी साबित हो सकती है हमने आपको यहां सब के अलावा भी नाभिक के बारे में बहुत सी जानकारी दी है ऐसे ही इन्वेंशन से तेजी से भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है जो कि भविष्य के लिए बहुत बेहतर साबित हो सकता है इसीलिए हमें इन टेक्नोलॉजी का ध्यान रखना चाहिए हमें पता होना चाहिए कि यह टेक्नोलॉजी क्या है कैसे काम करती है इसलिए हमें इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ना चाहिए और लोगों तक भी पहुंचाना चाहिए इसलिए इस आर्टिकल को आप शेयर कीजिए और हमारे और भी आर्टिकल टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़िए आशा है कि आप को नाविक से जुड़ी सारी जानकारी मिल गई होगी अगर फिर भी कुछ रह गया है तो आप कमेंट में हमसे पूछ सकते हैं हम आपका उत्तर जरूर देंगे और इस आर्टिकल को अपडेट भी कर देंगे इसलिए आपका सुझाव देना ना भूलिए। धन्यवाद!